Mahaparinirvan Day: पूर्वोत्तर सीमान्त रेलवे ने मनाया डॉ. अम्बेडकर का महापरिनिर्माण दिवस, बाबा सभी की प्रेरणा

Mahaparinirvan Day: पूर्वोत्तर सीमान्त रेलवे ने मनाया डॉ. अम्बेडकर का महापरिनिर्माण दिवस, बाबा सभी की प्रेरणा

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सार

कार्यक्रम में बाबा साहेब को याद करते हुए बताया गया कि डॉ. बी. आर. अम्बेडकर स्वतंत्र भारत के पहले कानून एवं न्याय मंत्री थे और उन्हें भारत के संविधान का मुख्य वास्तुकार माना जाता है।

 

 

विस्तार

भारत रत्न डॉ. बी. आर. अम्बेडकर का 66वां महापरिनिर्वाण दिवस पू. सी. रेल मुख्यालय परिसर स्थित डॉ भूपेन हजारिका सभा गृह में मनाया गया। पू. सी. रेल के महाप्रबंधक अंशुल गुप्ता और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर भारत रत्न डॉ. बी. आर. अम्बेडकर के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर पू. सी. रेल मुख्यालय के अधिकारी, कर्मचारी और विभिन्न संघों एवं यूनियनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

इस बारे में जानकारी देते हुए सीपीआरओ सब्यसाची डे ने बताया कि इस अवसर पर पू. सी. रेल के महाप्रबंधक अंशुल गुप्ता ने हमारे संविधान के निर्माण, समाज के सभी वर्गों को न्याय एवं समानता प्रदान करने और समाज के वंचित वर्ग के विकास में डॉ. बी. आर. अम्बेडकर के योगदान के बारे में उल्लेख किया। उनका पूरा जीवन समाज के सभी वर्गों के लिए प्रेरणा है। ऑल इंडिया सेड्यूल्ड कास्ट्स एंड सेड्यूल्ड ट्राइब्स रेलवे इंप्लाइज एसोसिएशन (पू. सी. रेल जोन) के महासचिव ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे, जिसमें उन्होंने भारतीय समाज के उत्थान में डॉ. बी. आर. अम्बेडकर के महत्व पर जोर दिया।

कार्यक्रम में बाबा साहेब को याद करते हुए बताया गया कि डॉ. बी. आर. अम्बेडकर स्वतंत्र भारत के पहले कानून एवं न्याय मंत्री थे और उन्हें भारत के संविधान का मुख्य वास्तुकार माना जाता है। वह एक प्रख्यात भारतीय न्यायविद, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक भी थे। साधारण परिवार में जन्मे भारतीय संविधान के रचयिता ने अनेक कठिनाइयों के बीच शिक्षा के क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल की थीं। उनकी ख्याति देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी थी।

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