पंजाब में डॉग बाइट के मामले चिंताजनक:हाईकोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के दिए आदेश; केंद्रीय रिपोर्ट का हवाला दिया
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने डॉग बाइट मामलों में पंजाब सरकार और एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया(AWBI) से जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने पूछा है कि डॉग बाइट केसों को रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं। हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि पंजाब देश में उन राज्यों में है जहां डॉग बाइट मामले जनवरी से अक्तूबर, 2022 में सबसे ज्यादा आए। इनकी संख्या दस हजार से ज्यादा थी। इससे जाहिर होता है कि राज्य में हर महीने डॉग बाइट के 1 हजार के लगभग मामले दर्ज हुए। वहीं मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने AWBI द्वारा जारी उस कम्युनिकेशन पर रोक लगा दी है जिसमें याची की NGO, कंपेशन फॉर एनिमलस’ वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा एनिमल बर्थ कंट्रोल(ABC)/स्टेरेलाइजेशन और एंटी-रेबीज प्रोग्राम पर रोक लगा दी गई थी।
स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के आदेश
हाईकोर्ट ने मामले में पंजाब सरकार को कहा है कि एनिमल बर्थ कंट्रोल(डॉग्स) रुल्स, 2001 के प्रावधानों को लागू करने के लिए उचित कदम उठाए। हाईकोर्ट ने मामले में पार्टी पंजाब सरकार और AWBI को संबंधित रुल्स की पालना को लेकर किए गए प्रयासों पर स्टेटस रिपोर्ट भी पेश करने को कहा है। इसके साथ ही डॉग बाइट/रेबीज की रोकथाम को लेकर भी प्रयास कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
याची ने हाईकोर्ट को बताया कि पंजाब में डॉग बाइट के मामले काफी ज्यादा हैं। वर्ष 2021 में याचिका दायर कर AWBI के 25 फरवरी, 2021 के सर्कुलर और पंजाब के लोकल गवर्नमेंट डिपार्टमेंट द्वारा 1 सितंबर, 2021 को जारी ऑर्डर व आगे जारी स्पष्टीकरण को चुनौती दी गई थी। इसमें याची की NGO के ABC)/स्टेरेलाइजेशन और एंटी-रेबीज प्रोग्राम पर रोक लगाई गई थी।
रोजाना 30 डॉग बाइट केस
याची ने हाईकोर्ट में कहा कि मिनिस्ट्री ऑफ फिशरीज, ऐनिमल हसबेंडरी एंड डेयरिंग द्वारा जारी डेटा के मुताबिक देश में वर्ष 2019 में 153 लाख स्ट्रे डॉग्स थे। वर्ष 2021 में 17 लाख के लगभग डॉग बाइट केस देश में आए। पंजाब देश के उन राज्यों में था जहां डॉग बाइट केस काफी ज्यादा थे। इसके मुताबिक रोजाना 30 के लगभग केस पंजाब में आए। इनमें 30 प्रतिशत डॉग बाइट केस 14 साल से कम उम्र के बच्चों से जुड़े थे। ऐसे में डॉग बाइट केस रोकने और डॉग्स की वैक्सीनेशन ज़रुरी है।
फिर से मान्यता लेने को कहा
याची NGO के बारे में इसके वकील ने कहा कि यह AWBI द्वारा मान्यता प्राप्त है। इसे संबंधित काम का वर्क ऑर्डर जारी हुआ था। इसके बाद एक सर्कुलर जारी कर कहा गया कि एनिमल वेलफेयर आर्गनाइजेशन को फिर से मान्यता लेकर ABC)/स्टेरेलाइजेशन और एंटी-रेबीज प्रोग्राम के लिए अगल से मंजूरी लेनी पड़ेगी। इस सर्कुलर को मजबूती प्रदान करने के लिए पंजाब सरकार ने एक जनरल ऑर्डर जारी कर दिया। जिसे याची NGO ने हाईकोर्ट में चुनौती दी।
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