Kerala HC: साजी चेरियन को विधायक पद से अयोग्य ठहराने की याचिका खारिज, भारतीय संविधान पर की थी विवादित टिप्पणी
Kerala HC: साजी चेरियन को विधायक पद से अयोग्य ठहराने की याचिका खारिज, भारतीय संविधान पर की थी विवादित टिप्पणी
केरल हाईकोर्ट ने माकपा विधायक साजी चेरियन के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया है। इन याचिकाओं में उन्हें विधायक पद से अयोग्य ठहराने की मांग की गई थी।
विस्तार
माकपा विधायक और राज्य के पूर्व मंत्री साजी चेरियन ने इसी साल कथित तौर पर भारतीय संविधान के खिलाफ विवादित बयान दिया था। इसके बाद केरल हाईकोर्ट में उनके खिलाफ दो याचिकाएं दाखिल की गईं थीं। इनमें मांग की गई थी कि साजी चेरियन को विधायक के पद से अयोग्य ठहराया जाए। हालांकि, हाईकोर्ट ने गुरुवार को इन दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया।
यह आदेश चीफ जस्टिस एस. मणिकुमार और जस्टिस शाजी पी. चाली की पीठ ने पारित किया। चुनाव आयोग की ओर से पेश वकील दीपू लाल मोहन ने दोनों याचिकाओं को खारिज किए जाने की पुष्टि की।
इन याचिकाओं में दावा किया गया था कि चेरियन ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 9 का उल्लंघन किया है। अधिनियम की धारा 9 के मुताबिक, एक व्यक्ति जिसने भारत सरकार के अधीन या किसी राज्य सरकार के अधीन पद धारण किया है, उसे भ्रष्टाचार या राज्य के प्रति निष्ठाहीनता के लिए बर्खास्त किया जाएगा और पांच साल की अवधि के लिए अयोग्य घोषित किया जाएगा।
याचिकाकर्ताओं ने दलील दी थी कि चेरियन ने संविधान के अनुच्छेद 173 (ए) और 188 का उल्लंघन किया है और उनके खिलाफ विवादित भाषण के संबंध में राष्ट्रीय सम्मान अधिनियम, 1971 के तहत मामला भी दर्ज किया गया है।
चेरियन के भाषण से विवाद हो गया था। विपक्ष के विरोध प्रदर्शन के चलते राज्य विधानसभा की कार्यवाही को एक दिन के लिए स्थगित कर दिया गया था। विपक्ष ने चेरियन के इस्तीफे की मांग की थी। इसके बाद 6 जुलाई को उन्होंने कैबिनेट पदों से इस्तीफा दे दिया था।
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