Ashok Dhyanchand: भारतीय हॉकी हालत से दुखी हैं मेजर ध्यानचंद के बेटे, कहा- कभी हम सिखाते थे, अब सीखना पड़ रहा
Ashok Dhyanchand: भारतीय हॉकी हालत से दुखी हैं मेजर ध्यानचंद के बेटे, कहा- कभी हम सिखाते थे, अब सीखना पड़ रहा
ओलंपियन अशोक ध्यान चंद ने कहा, आज एक बार यहां आकर और हॉकी वर्ल्डकप की ट्रॉफी को देखकर मन फिर से 1975 में पहुंच गया। पुराने दिन फिर से लौट आए।
विस्तार
पिता हमेशा कहते थे देखो, सीखो और खेलो। उनके जीवन का मंत्र था, अपने अंदर के खेल को खेलो, हमेशा सीखने के लिए तैयार रहो। खिलाड़ियों को खुद से एक प्रण करना होता है, जिसे लेकर उसे आगे बढ़ना होता है। जीतता वही है, जो अच्छा खेलता है। यह बात आज कोलकाता में हॉकी वर्ल्डकप के लोकार्पण समारोह में अमर उजाला से खास बातचीत में भारतीय हॉकी के दिग्गज खिलाड़ी और मेजर ध्यानचंद के बेटे अशोक ध्यान चंद ने कही।
उल्लेखनीय है कि हॉकी बंगाल की ओर से कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में हॉकी वर्ल्डकप ट्राफी का लोकार्पण किया गया। इस मौके पर बंगाल के खेल मंत्री अरूप विश्वास, हाकी के दिग्गज गुरुबख्श सिंह, हॉकी बंगाल के अध्यक्ष बापुन बनर्जी और महासचिव इस्तियाक अली सहित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
Comments are closed.